भगवद गीता (क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग- तेरहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 34)

अथ त्रयोदशोsध्याय: श्रीभगवानुवाच (ज्ञानसहित क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ का विषय) श्रीभगवानुवाच इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते। एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः॥ भावार्थ : श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! यह शरीर ‘क्षेत्र’ (जैसे…

भगवान् शिव की पूजा करते समय अवश्य रखे इन बातों का ध्यान

भगवान् शिव सभी को प्रिय हैं और भारत में लगभग हर राज्य में उन्हें पूजा जाता है परन्तु आप शायद ही जानते होंगे की भगवान् शिव की पूजा करते हुए…

देवी लक्ष्मी चालीसा : धन और वैभव की प्राप्ति के लिए करें लक्ष्मी चालीसा पाठ

हिन्दू धर्म में लक्ष्मी देवी की बहुत मान्यता है। देवी लक्ष्मी को धन, वैभव और संपन्नता का प्रतीक माना गया है। देवी को पूजने के कई तरीके हैं, जिनमें से…

14 वर्ष के वनवास में प्रभु श्री राम कहां-कहां रहे

श्रीराम को 14 वर्ष का वनवान हुआ। इस वनवास काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और तमाम…

हनुमान जी का जन्म जिस गुफा में हुआ था उसे क्रोध में आकर बंद कर दिया था माता अंजनी ने

संसार में अगर कोई प्रभु श्री राम का सबसे बड़ा भक्त है तो वो हैं बजरंग बलि हनुमान। हनुमान जी को भगवान् श्री राम से कलयुग में भी अमर रहने का…

जब बुद्ध से पूछा गया मौत के बाद क्या होता है

एक बार बुद्ध से उनके एक शिष्य ने पूछा, भगवन आपने आज तक यह नहीं बताया कि मृत्यु के बाद क्या होता है। उसकी बात सुनकर बुद्ध मुस्कुराए, फिर उन्होंने…

भगवद गीता (भक्तियोग- बारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 20)

अथ द्वादशोऽध्यायः- भक्तियोग (साकार और निराकार के उपासकों की उत्तमता का निर्णय और भगवत्प्राप्ति के उपाय का विषय) अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते । ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के…

सावधान हो जाएँ! ये घटनाएं बताती हैं की आपको धन की हानि होने वाली है

भारत में ये मान्यता है की हर घटना के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है कई बारी ये सच भी होता है| ज्योतिष के अनुसार अगर लगातार आपके…

घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाना है तो मुख्य द्वार पर न रखें ये वस्तुएं

कहा जाता है कि घर में सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जा दरवाजे के रास्ते ही अंदर आती है। अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है तो आप अवश्य अपने घर…

भगवद गीता (विश्वरूपदर्शनयोग- ग्यारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 55)

अथैकादशोऽध्यायः- विश्वरूपदर्शनयोग ( विश्वरूप के दर्शन हेतु अर्जुन की प्रार्थना ) अर्जुन उवाच मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसञ्ज्ञितम्‌ । यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥ भावार्थ : अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह…

सावधान! इन दिनों में बचें पैसों के लेन देन से वरना आपका पैसा डूब जाएगा

जरूरत के हिसाब से हम अपने दोस्तों या बैंक से उधार लेते रहते हैं। परन्तु क्या आप जानते हैं कि ज्योत‌िष शास्‍त्र के अनुसार कुछ ऐसे द‌िन और समय हैं…

श्री गणेश चालीसा

श्री गणेश हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूरण देवता माने गए हैं। श्री गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है और उनकी पूजा हर शुभ कार्य के आरम्भ करने से पहले की जाती है,…