सरस्वती माता का पूजन बसंत पंचमी पर इस तरह से किया जाता है
देवी भागवत के अनुसार देवी सरस्वती की पूजा सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण ने की थी। मान्यतानुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे वसंत पंचमी के नाम से…
जय संतोषी माँ – 16 शुक्रवार व्रत कथा, विधि, आरती तथा उद्देश्य
शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। सुख-सौभाग्य की कामना के लिए माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किये जाने का विधान है। संतोषी माता उन…
सूर्यदेव अमृतवाणी – Suryadev Amritvaani – Special Bhajans for Sunday
रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. वैसे तो रोज़ सूर्यदेव की आराधना करनी चाहिए, परन्तु रविवार का इसका अलग महत्व होता है. प्रातःकाल उठकर स्नान करने के पश्तात…
श्री हनुमान चालीसा और उसका सम्पूर्ण अर्थ – Hanuman Chalisa
जय हनुमान जी की. भक्तों, आपको श्री हनुमान चालीसा के बारे में तो पता ही होगा। हो सकता है आप इसका जाप भी करते हों. परन्तु, क्या आपको चालीसा की…
श्री राम मंत्र – Shri Ram Mantra Jaap
श्री राम को विष्णु जी का अवतारम आना जाता है। यह अवतार विष्णु जी ने रावण का अंत करने के लिए लिया था। माना जाता है कि भगवान राम की…
चामुण्डा देवी मंत्र – Goddess Chamunda Devi Mantra
चामुण्डा देवी को माँ दुर्गा का रूप माना जाता है। मान्यता है कि चामुण्डा देवी की अराधना करने से मनुष्य को परम सुख की प्राप्ति होती है। Chamunda Devi also known as Sachchi…
गायत्री माता की आरती – Goddess Gayatri Aarti
ज्ञान व पवित्रता की देवी गायत्री की आराधना करने से जीवन खुशियों से भर जाता है। माता गायत्री की पूजा में निम्न आरती का भी विशेष प्रयोग किया जाता है। गायत्री…
देवी पार्वती चालीसा – Devi Parvati Chalisa
मान्यता है कि पार्वती जी की उपासना करने से सभी दुखों का अंत हो जाता है तथा मन को भी बहुत शांति मिलती है। पार्वती जी का दिल करुणा से…
माता सीता के जीवन के बारे में कुछ अनसुने सत्य
माता सीता के बारे में तो हम सभी जानते हैं। माता सीता रामायण का मुख्य पात्र हैं। सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थी। उनका विवाह श्री राम…
देवी सीता जी की आरती – Devi Sita Ji ki aarti
प्रभु श्री राम की धर्मपत्नी देवी सीता जी को कौन नहीं जानता। माता सीता बहुत ही मधुर स्वाभाव की थीं| माता अपने सभी भक्तों को मनचाहा फल देती हैं आईये…
देखिये देवी सरस्वती जहाँ पहली बार प्रकट हुई थी वह स्थान आज कैसा लगता है
देवी सरस्वती को कौन नहीं जानता। देवी का ज़िक्र सबसे पहले ऋग्वेद में हुआ था। सरस्वती देवी को ज्ञान, संगीत, कला और बुद्धिमता का प्रतीक माना जाता है। माता के…