हथेली में स्वास्तिक का निशान है तो आप हैं बहुत भाग्यशाली

हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार हमारी हथेली की रेखाएं हमारे भविष्य के बारे में बताती हैं। यहां तक कि किसी के हाथ की कलाई, अंगूठा तथा उँगलियों के द्वारा भी…

सूर्य देव चालीसा

सूर्य देव का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। कहा जाता है की पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए। सूर्य देव से ही धरती पर…

युधिष्ठिर ने समझा उपदेश का सही अर्थ

जब कौरव और पांडव गुरु द्रौणाचार्य के पास शिक्षा प्राप्त करते थे। तब गुरु द्रौणाचार्य अपने सभी शिष्यों को सबक याद करने को देते थे। एक दिन गुरु द्रौणाचार्य ने…

ऐसे मिटाई राम नाम ने हनुमान जी की भूख

लंका युद्ध जीतने के बाद श्री राम का अयोध्या में राज्याभिषेक हुआ। राज्याभिषेक के बाद देवी सीता को हनुमान जी पर वात्सल्य प्रेम उमड़ा और उन्होंने हनुमान जी से कहा कि…

देवी सरस्वती चालीसा

हिन्दू धर्म में सरस्वती देवी को विद्या की देवी भी कहा जाता है। श्री कृष्ण ने भी सबसे पहले माँ सरस्वती की पूजा की थी। सरस्वती देवी को सफ़ेद रंग…

समुद्र मंथन का साक्षी है मंदार पर्वत

समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बाहर निकली थी। देवतओं तथा राक्षसों ने समुद्र मंथन के लिए शेषनाग और एक पहाड़ का सहारा लिया था। जिस पहाड़ की सहायता…

हमें प्रभु के और करीब लाता है संगीत और मंत्रजाप, जानिये कैसे?

सभी लोग उन्हें योग का ‘रॉकस्टार’ कहते हैं लेकिन वो खुद को केवल ‘कीर्तनवाला’ ही कहलाना पसंद करते हैं। 2013 में ग्रैमी अवार्ड के लिए नामित जाप गुरु कृष्णा दास…

जय संतोषी माँ – 16 शुक्रवार व्रत कथा, विधि, आरती तथा उद्देश्य

शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। सुख-सौभाग्य की कामना के लिए माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किये जाने का विधान है। संतोषी माता उन…

जीवन की हर समस्या में हमें धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए

कई बार हमारे जीवन में ऐसा समय आता है कि हमें किसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। अक्सर ऐसे समय में हम अपना धैर्य खो देते हैं। परन्तु…

जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता

जीवन में किया गया कोई भी बदलाव छोटा या बड़ा नही होता। अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा नहीं होता और वो हमारी…

होनी को कोई नहीं टाल सकता: जो होना है वो हो कर ही रहेगा

एक दिन भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ देव के मन में विचार आया की क्यों ना एक बार पृथ्वी लोक का भ्रमण किया जाए| अपने भ्रमण के दौरान जब गरुड़…

भगवद गीता (मोक्षसंन्यासयोग- अठारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 78)

अथाष्टादशोऽध्यायः- मोक्षसंन्यासयोग (त्याग का विषय) अर्जुन उवाच सन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्‌ । त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥ भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्‌! हे वासुदेव! मैं संन्यास और…