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Kahani

ऐसा क्या हुआ कि सत्यभामा को करना पड़ा अपने ही पति श्री कृष्ण का दान

    श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं से सभी का मन मोहा है| कृष्ण की 16008 बीवियाँ थीं जिनमे से 8 को रानी का दर्जा मिला, इन 8… Read More »ऐसा क्या हुआ कि सत्यभामा को करना पड़ा अपने ही पति श्री कृष्ण का दान

    आखिर क्यों नारद मुनि के लिए स्वर्गलोक के द्वार बंद करने पड़े ?

      नारद मुनि ब्रह्मदेव के सात मानस पुत्रों में से एक है जिन्हे ब्रह्मऋषि की उपाधि दी गयी है| नारद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त कहलाते… Read More »आखिर क्यों नारद मुनि के लिए स्वर्गलोक के द्वार बंद करने पड़े ?

      जानें क्यों माता सीता को रखा गया था अशोक वाटिका में

        भगवान विष्णु के अवतार एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्रति भक्तों की अपार श्रद्धा है| श्री राम का जीवन हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना… Read More »जानें क्यों माता सीता को रखा गया था अशोक वाटिका में

        परम आनंद की प्राप्ति के लिए मनुष्य कहाँ कहाँ नहीं भटकता

          एक जादूगर जो मृत्यु के करीब था, मृत्यु से पहले अपने बेटे को चाँदी के सिक्कों से भरा थैला देता है और बताता है की… Read More »परम आनंद की प्राप्ति के लिए मनुष्य कहाँ कहाँ नहीं भटकता

          आखिर बेगम ने नवाब की इज्ज़त कैसे बचाई

            एक पति-पत्नी में तकरार हो गयी पति कह रहा था :  “मैं नवाब हूँ इस शहर का लोग इसलिए मेरी इज्जत करते है और तुम्हारी इज्जत मेरी वजह… Read More »आखिर बेगम ने नवाब की इज्ज़त कैसे बचाई

            क्यों धर्म का पालन करना है हम सब के लिए ज़रूरी

              एक बार भयानक सूखा पड़ा। सारे फसल नष्ट हो गये और जमीन बंजर हो गई। किसानों ने हार मान ली और बीजों को ना बोने… Read More »क्यों धर्म का पालन करना है हम सब के लिए ज़रूरी

              श्री राम नहीं करना चाहते थे अपनी पत्नी सीता जी का त्याग

                रामायण में श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है| किन्तु फिर भी श्री राम की कई बार आलोचना की जाती है कि उन्होंने अपनी गर्भवती… Read More »श्री राम नहीं करना चाहते थे अपनी पत्नी सीता जी का त्याग

                अच्छा हुआ हम इन्सान नहीं बने

                  आज बन्दर और बन्दरिया के विवाह की वर्षगांठ थी । बन्दरिया बड़ी खुश थी एक नज़र उसने अपने परिवार पर डाली। तीन प्यारे-प्यारे बच्चे, नाज… Read More »अच्छा हुआ हम इन्सान नहीं बने