क्या ब्रह्मा जी ने अपनी ही पुत्री से विवाह किया था? Brahma aur Saraswati ka vivah

ब्रह्माजी का अपनी पुत्री से विवाह का असली सच क्या है यह आज भी शोध का विषय है। इस पर विचार किए जाने की जरूरत है। Brahma aur Saraswati ka…

इन पांचों के सिर काटे थे भगवान शिव ने

भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है| इन्हें भोलेनाथ कहने के पीछे का कारण यह है कि भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्दी सुन लेते हैं और…

श्रवण कुमार अपने माता पिता की सेवा के लिए क्यों जाने जाते हैं?

श्रवण कुमार अपने माता – पिता की सेवा के लिए जाने जाते हैं| वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकाण्ड के 64वें अध्याय में श्रवण कुमार की कथा मिलती है| श्रवण कुमार के माता –…

देवी लक्ष्मी से जुड़ी कुछ रोचक बातें

देवी लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है| शास्त्रों में बताया गया है कि धन की देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं| लक्ष्मी जी का प्रतीक च‌िन्ह अक्षय…

किस एक पाप के कारण युधिष्ठिर को नर्क देखना पड़ा

द्रोणाचार्य एक बहुत वीर योद्धा थे| महाभारत के युद्ध के समय उन्होंने बहुत वीरता दिखाई और युद्ध भूमि में उनके रणकौशल को देखकर पांडव-सेना के बड़े-बड़े महारथी भी चिंतित हो उठे थे|…

क्यों कहते है कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली – क्यो मनाई जाती है देव दीपावली

कार्तिक पूर्णिमा सभी पूर्णिमाओं में श्रेष्ठ  मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने देवलोक पर हाहाकार मचाने वाले त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का संहार किया था।…

कैसे आया स्वर्ग का पेड़ धरती पर?

शास्त्रों में परिजात वृक्ष को स्वर्ग का पेड़ कहा गया है| परिजात वृक्ष को हमारे शास्त्रों में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त है| परिजात वृक्ष के फूलों को लक्ष्मी तथा भगवान शिव की पूजा में…

सर्वोत्तम लाभ के लिए सोमवार को करें शिव जी की पूजा

सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी ईश्वर की पूजा, भक्ति और व्रत के लिए होता हैं पर सोमवार का दिन हिन्दू धर्म परंपराओं के अनुसार भगवान शिव को समर्पित…

महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण क्यों खाते थे हर दिन मूंगफली

श्री कृष्ण के कारण ही महाभारत का युद्ध पांडवों के हित में रहा| युद्ध के समय श्री कृष्ण ने अनेक लीलाएं रची और पांडवों को युद्ध में विजय दिलवाई| इन लीलाओं…

देवी सीता के जन्म की अनमोल कथा

रामायण में देवी सीता को जानकी भी कहा गया है| देवी सीता के पिता का नाम जनक था| सीता जी उनकी गोद ली हुई पुत्री थी| आईए जानते हैं कि…

साड़ी के टुकड़े – संत कबीर दास की कथा

एक समय की बात है एक नगर में अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार जुलाहा रहता था| उस जुलाहे ने अपने जीवन में कभी क्रोध नहीं किया था| उस नगर के कुछ…

समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कभी नही मिलता

एक सेठ जी थे  – जिनके पास काफी दौलत थी। सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी। परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न…