सूर्य को जल अर्पित करते समय न करें ये गलती

हिन्दू धर्म में सूर्य देव को जल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है| ज्यादातर लोग सुबह स्नान करने के बाद पहले पूजा करते हैं और फिर सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं| माना जाता है कि यदि सूर्य देव हमसे प्रसन्न हैं तो उनकी कृपा से मुश्किल से मुश्किल काम में सफलता मिल सकती है|

कई बार जब हमें अपने किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती तो हम भगवान को ही कोसना शुरू कर देते हैं| परन्तु हम कभी यह ध्यान नहीं देते कि शायद हम पूजा करते समय कोई गलती भी कर सकते हैं| जिस कारण हमारे कार्य में बाधा आती है|

ऐसे ही कई बार सूर्य देव को जल चढ़ाते समय हम कुछ गलतियां कर देते हैं या हमारा सूर्य देव को जल चढ़ाने का तरीका ही सही नहीं होता| यदि हम सूर्य देव को गलत तरीके से जल अर्पित करते हैं तो यह एक कारण बन सकता है हमें किसी कार्य में सफलता न मिलने का|

आइए जाने हैं कि सूर्य देव को जल अर्पित करने का सही तरीका क्या है|

यदि आपकी कुंडली में सूर्य सही है तो समाज में सम्मान के साथ – साथ आपको बड़ा पद भी मिलता है| यही नहीं परिवार का साथ भी बना रहता हैं और सेहत भी अच्छी रहती है|

यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपको अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है| इसको सही करने के लिए हम कई उपायों का सहारा भी लेते हैं| जिससे कुंडली में अच्छे योग बने|

सूर्य देव को जल अर्पित करने से सूर्य देव के साथ – साथ नौ ग्रहों की भी कृपा बनी रहती है| लेकिन यदि हम सही से जल अर्पित नहीं करते तो उस कारण मन के अनुरूप फल नहीं मिलता|

सूर्य देव को जल अर्पित करने से पहले ब्रह्म मुहूर्त में ही नहाएं| यदि इस समय सूर्य देव को जल चढ़ाया जाये तो बहुत शुभ फल मिलता है| ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ है कि जब सूर्य का रंग लाल हो और आप उसे ठीक तरह से देख सकें|

जब आप सूर्य देव को जल अर्पित करें तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका हाथ सिर से उपर हो| माना जाता है कि अगर आप सिर के उपर से जल अर्पित करेंगे तो सूर्य की सातों किरणें आपके शरीर पर पड़ती हैं| ऐसा करने से सूर्य के साथ- साथ आपके नौ ग्रह भी मजबूत होते हैं| सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद प्रार्थना करें|

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