हमारी सोच हमें दुखी करती है – एक प्रेरणादायक कहानी

एक किसान का घर अपने गाँव से बहुत दूर था। वह किसान बहुत अमीर था। उसके घर में किसी प्रकार की कोई कमी नही थी। जीवन में सब कुछ होने के बाद भी वह एक बात से दुखी था। उसका घर गाँव से दूर होने की वजह से उसे लगता था कि वह जंगल में जीवन व्यतीत कर रहा है। उसे लगता था कि वह बहुत अकेला है। एक दिन उसने सोचा कि वह यह घर बेच कर शहर में एक आलिशान बंगला बना लेगा। उसे लगा कि शहर में घर लेने से उसका अकेलापन दूर हो जायेगा।

शहर में घर लेने के उद्देश्य से उसने अपने एक मित्र को शहर से बुलाया। किसान का वह मित्र घर खरीदने व बेचने में लोगों की सहायता करता था। किसान ने उसे कहा कि मेरा यह घर बेचकर मुझे शहर में एक अच्छा सा घर दिला दो।

किसान का दोस्त उसकी बात सुनकर बोला कि तुम अपने पूर्वजों का इतना सुंदर घर क्यों बेचना चाहते हो? अगर तुम्हे पैसों की जरूरत है तो मुझे बतायो। मैं तुम्हारी सहायता करूँगा। परन्तु इतना सुंदर घर बेचना कोई समझदारी की बात नही है।

यह सुनकर किसान अपने दोस्त को अपने घर की कमियां बताते हुए कहने लगा कि यह घर गाँव से बहुत दूर है। यहां पर पक्की सड़कें नही हैं और इन सड़कों में बारिश आने पर पानी भर जाता है। यहां बहुत पेड़ हैं। इसलिए हवा से घर में पत्ते ही पत्ते हो जाते हैं। यहां जो पहाड़ हैं सर्दियों में इन पर बर्फ गिरने से ठण्ड बहुत बढ़ जाती है। इन दिक्कतों के कारण मैं अपना घर बेच कर शहर में घर लेना चाहता हूँ।

किसान के दोस्त ने किसान को घर बिकवाने का आश्वासन दिया और चला गया।

अगले दिन किसान ने अखबार में एक विज्ञापन देखा, जिसमें लिखा था कि शहर से दूर, पहाड़ियों से घिरे हुए, ताज़ी हवा से परिपूर्ण एक सुंदर मकान में बसाएं अपने सपनो का घर। विज्ञापन के नीचे संपर्क करने के लिए एक फोन नंबर दिया हुआ था।

किसान को वह विज्ञापन बेहद पसन्द आया और उसने वह घर खरीदने का मन बना लिया। घर खरीदने का सोच कर किसान ने उस विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन किया तो उसे पता चला कि वह उसी के घर का विज्ञापन है, जो कि उसके दोस्त द्वारा अखबार में दिया गया था। अब उसे समझ में आया कि वह अपनी ही पसन्द के घर में रह रहा था और घर की खूबियां देखने की बजाय केवल घर की कमियां देख रहा था। उसने जल्दी से अपने दोस्त को फोन किया और घर बेचने से मना कर दिया।

हम भी उस किसान की तरह ही हैं। क्योंकि हमें भी अपने जीवन से बहुत शिकायतें हैं। परन्तु अगर हम अपने जीवन को दूसरों के नजरिये से देखें तो हम से ज्यादा सुखी कोई नही है।

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