मौनी अमावस्या की पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार कांचीपुरी में एक ब्राह्मण रहता था। उसका नाम देवस्वामी तथा उसकी पत्नी का नाम धनवती था। उनके सात पुत्र तथा एक पुत्री… Read More »मौनी अमावस्या की पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार कांचीपुरी में एक ब्राह्मण रहता था। उसका नाम देवस्वामी तथा उसकी पत्नी का नाम धनवती था। उनके सात पुत्र तथा एक पुत्री… Read More »मौनी अमावस्या की पौराणिक कथा
मनुष्य भगवान् के व्यक्तित्व से बहुत सारी काम की बातें सीख सकता है लेकिन शायद ही आप को ये पता हो की भगवान् की सवारी… Read More »किस भगवान का वाहन हमें क्या सिखाता है?
अथ चतुर्थोऽध्यायः- ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ( सगुण भगवान का प्रभाव और कर्मयोग का विषय ) श्री भगवानुवाच इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् । विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत् ॥ भावार्थ… Read More »भगवद गीता (ज्ञानकर्मसंन्यासयोग – चौथा अध्याय : 1 – 42)
बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव मे एक आलसी व्यक्ति रहता था। वह काम करने में बहुत आलस्य दिखाता था। परन्तु वह अपने गुरु… Read More »कल करे सो आज कर – कैसे एक गुरु ने अपने शिष्य को यह समझाया की आज का काम कल पे नहीं छोड़ना चाहिए
बीज में शुद्धता का होना, बीजोत्पादन की प्रथम सीढी है। जो कि पर परागण तथा अन्य बाह्रय पदार्थों के मिलने से प्रभावित होती है। शुद्ध… Read More »टमाटर में संकर बीज उत्पादन तकनीक
वैदिक परंपरा में मंत्रोच्चारण का विशेष महत्व माना गया है| अगर सही तरीके से शक्तिशाली-मंत्र का उच्चारण किया जाए तो यह जीवन की दिशा ही… Read More »एक ऐसा शक्तिशाली मन्त्र जिसे सुनने मात्र से ही खुल जाते है किस्मत के सभी बंद दरवाजे
ज्वालामुखी मंदिर को जोता वाली का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। यह हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से 30 किलो मीटर दूर स्थित है।… Read More »माता के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक ‘ज्वालामुखी मंदिर’ के दर्शन कीजिये
क्रोध से भ्रम पैदा होता है। भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है… Read More »भगवद गीता के कुछ अनमोल वचन
अथ तृतीयोऽध्यायः- कर्मयोग (ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण) अर्जुन उवाच ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।… Read More »भगवद गीता (कर्मयोग – तीसरा अध्याय : श्लोक 1 – 43)
हिरण्यकश्यप भगवान् विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था| उसने अपने राज्य में ये घोषणा करा रखी थी की विष्णु की पूजा करने वाला… Read More »होलिका और इलोजी की प्रेम कहानी जिसका बड़ा ही दुखद अंत हुआ था
स्कंद पुराण के अनुसार प्रत्येक माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन संध्याकाल के समय को “प्रदोष” कहा जाता है और इस दिन शिवजी… Read More »प्रदोष व्रत कथा, विधि एवं महत्व
एक किसान का घर अपने गाँव से बहुत दूर था। वह किसान बहुत अमीर था। उसके घर में किसी प्रकार की कोई कमी नही थी।… Read More »हमारी सोच हमें दुखी करती है – एक प्रेरणादायक कहानी