भगवद गीता8 Min Read भगवद गीता (ज्ञानकर्मसंन्यासयोग – चौथा अध्याय : 1 – 42) अथ चतुर्थोऽध्यायः- ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ( सगुण भगवान का प्रभाव और कर्मयोग का विषय ) श्री भगवानुवाच इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् ।… Discover More
भगवद गीता8 Min Read भगवद गीता (कर्मयोग – तीसरा अध्याय : श्लोक 1 – 43) अथ तृतीयोऽध्यायः- कर्मयोग (ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण) अर्जुन उवाच ज्यायसी… Discover More
भगवद गीता13 Min Read भगवद गीता (सांख्ययोग नामक – दूसरा अध्याय : श्लोक 1 – 72) अथ द्वितीयोऽध्यायः- सांख्ययोग ( अर्जुन की कायरता के विषय में श्री कृष्णार्जुन-संवाद ) संजय उवाच तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम् ।… Discover More
भगवद गीता7 Min Read भगवद गीता (अर्जुनविषादयोग – पहला अध्याय : श्लोक 1-47) अथ प्रथमोऽध्यायः- अर्जुनविषादयोग ( दोनों सेनाओं के प्रधान-प्रधान शूरवीरों की गणना और सामर्थ्य का कथन ) धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे… Discover More
भगवद गीता17 Min Read भगवद गीता (मोक्षसंन्यासयोग- अठारहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 78) अथाष्टादशोऽध्यायः- मोक्षसंन्यासयोग (त्याग का विषय) अर्जुन उवाच सन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् । त्यागस्य च हृषीकेश… Discover More
भगवद गीता6 Min Read भगवद गीता (श्रद्धात्रयविभागयोग- सत्रहवाँ अध्याय : श्लोक 1 – 28) अथ सप्तदशोऽध्यायः- श्रद्धात्रयविभागयोग (श्रद्धा का और शास्त्रविपरीत घोर तप करने वालों का विषय) अर्जुन उवाच ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते… Discover More