भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी देती है हस्तरेखाएँ

प्राचीन काल से अपने भविष्य को जानने की तीन प्रक्रियाएं चलती आ रही है- ज्योतिष शास्त्र, अंक ज्योतिष और हस्त शास्त्र| हाथों की लकीरें पढ़कर एक व्यक्ति को उसके भूतकाल, वर्तमान और भविष्य की जानकारी…

क्या आप भी भूत प्रेत के प्रभाव से पाना चाहते है मुक्ति ?

आज के समय में कुछ लोग भूत प्रेत में विश्वास रखते है और कुछ लोगों के लिए ये बातें फिजूल की है और जो लोग इन बातों में विश्वास रखते है वे…

हिन्दू धर्म के कुछ विचित्र श्राप

हिन्दू धर्म के ग्रंथों में अनेक श्रापों का वर्णन हुआ है| आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही चर्चित श्रापों के बारे में:- 1.  गांधारी का श्रीकृष्ण को श्राप महाभारत के…

क्यों भगवान विष्णु आज तक भी चूका रहे हैं कुबेर से लिया हुआ कर्ज़ ?

भगवान विष्णु ने ना केवल कुबेर, जो कि धन के देव हैं, से कर्ज़ लिया अपितु वे आज तक इस कर्ज़ को चूका रहे हैं| आइए जानते हैं इसके पीछे…

क्यों रोज़ घटता है गोवर्धन पर्वत?

गोवर्धन पर्वत को गिरिराज पर्वत भी कहा जाता है| इस पर्वत के आस पास की जगह ब्रजभूमि कहलाती है| यह भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली है। यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर…

वृन्दावन का मशहूर पागल बाबा का मंदिर

मथुरा से वृन्दावन के रस्ते में दस मंजिला संगमरमर का मंदिर आता है, जिसकी सुंदरता मन को मोह लेती है| इस मंदिर को पागल बाबा का मंदिर कहा जाता है| आइए…

कछुआ पालने से किस प्रकार आपको हो सकता है लाभ

कछुआ जल और स्थल दोनों जगह पाए जाने वाला जीव है, इनकी चार टांगे और गर्दन बाहर की ओर निकली रहती है| भारत के पुराणों में कछुए का काफी जिक्र होता…

स्वस्तिक: क्यों माना जाता है शुभ मंगल का प्रतीक

प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले स्वस्तिक चिन्ह दीवार, थाली या ज़मीन पर बनाकर उसकी पूजा की जाती है| इसे शुभ मंगल का प्रतीक कहा गया…

कहीं आप भी तो नहीं करते गीता पाठ के समय ये गलतियां

श्री चैतन्य महाप्रभु दक्षिणी भारत की यात्रा कर रहे थे ! एक दिन वे श्री रंगनाथ मंदिर पहुँच गए! उन्होंने वहां पर देखा की एक साधारण सा ब्राम्हण श्रीमद्भागवद्गीता पढने…

केवल एक ही संतान को जन्म दिया था माता सीता ने

रामायण का सही वर्णन महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गयी वाल्मीकि रामायण में ही मिलता है| कई ऋषियों ने रामायण को अपने तरीके से लिखने की कोशिश की और फलस्वरूप इसके कई…

हिन्दू धर्म में क्या मान्यता है जनेऊ धारण करने की, जानिए इसका रहस्य और लाभ

जनेऊ एक पवित्र सफ़ेद रंग का तीन धागों वाला सूत्र है, जिसे ‘उपनयन संस्कार’ के समय धारण किया जाता है और संस्कृत में इसे ‘यज्ञोपवीत संस्कार’ कहा जाता है|इस सूत से बने पवित्र धागे…

जब एक मासूम बच्ची ने ख़रीदा 21 रूपए 50 पैसे में चमत्कार

छोटी लड़की ने गुल्लक से सब सिक्के निकाले और उनको बटोर कर जेब में रख लिया, निकल पड़ी घर से – पास ही केमिस्ट की दुकान थी उसके जीने धीरे…