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हिंदुस्तान का एक ऐसा गाँव जहाँ रहने की एक ही सजा है – सजाये मौत!

    भारत में आज भी ऐसी कई जगहें है जो की कल्पना से भी परे है | आज हम बताने जा रहे है एक ऐसे ही गाँव के बारे में जहाँ रहने की सजा मौत है | कहा जाता है की जिसने भी यहाँ रहने की कोशिश की वो काल का ग्रास बन गया | जी हाँ हम बात कर रहें हैं श्रापित ग्राम कुलधरा के बारे में |

    कहा जाता है की कभी यहाँ पालीवाल ब्राह्मणों की भरी पूरी आबादी थी पर आज ये गाँव बिलकुल सुनसान पड़ा है | यहाँ सिर्फ भीम नाम का रखवाला रहता है | यहाँ तक की उसकी बीवी, बच्चे, बहुएं भी उसे अकेला छोड़ कर चले गए|

    सन 1291 में ये पूरा इलाका मेहनती और रईस माने जाने वाले पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था जहाँ करीब 600 घर थे | कभी सम्पन्नता का प्रतिक कुलधरा आज करीब 200 सालों से वीरान पड़ा है | पाली छेत्र में रहने के कारण यहाँ के ब्राह्मणों को पालीवाल नाम से जाना जाने लगा | पालीवाल समुदाय के लोगों की सोच आज के लोगों से भी ज्यादा विकसित थी | इसका अनुमान वहां बने घरो को देख कर आसानी से लगाया जा सकता है | साथ ही साथ उन्होंने रेत में पानी के संचयन की तकनीक भी विकसित कर ली थी |

    आज से दो दसक पहले कुलधरा में एक ऐयाश दीवान सालम सिंह का वर्चस्व था | एक दिन सालम सिंह की बुरी नज़र पालीवाल ब्राह्मण की लड़की पर पड़ी | लड़की अद्वितीय सुंदरी थी और दीवान उसपर आसक्त हो गया | अपने कुंठा के वशीभूत होकर उसने ब्राह्मणों पर तरह तरह से दवाब बनाना शुरू कर दिया | कई बेमानी कर भी लगा दिए साथ ही साथ उसने ये भी कहा की या तो उस लड़की को उसके हवाले कर दे या फिर दंड भुगतने को तैयार रहें |

    ये सारे गाँव की चिंता का विषय था | सारे 84 गाँव के ब्राह्मणों ने माता के मंदिर पर बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला किया की वे अपनी इज्जत से समझौता नहीं करेंगे भले ही उन्हें वो जगह छोडनी ही क्यों न पड़े | और आखिरकार सभी 84 गाँव के लोगों ने अपना घर बार छोड़ दिया लेकिन जाते जाते वो ये श्राप दे गए की यहाँ कोई भी बस नहीं पायेगा यहाँ तक की अगर कोई यहाँ का पत्थर भी अपने घर में इस्तेमाल करेगा तो उसका विनाश निश्चित है |

    उस रात के बाद ये राज़ राज़ ही रह गया की हज़ारों पालीवाल ब्राह्मण गए कहाँ उन्हें आसमान खा गया या जमीं निगल गयी ये आज भी रहस्य ही है | समय बीतता गया लेकिन श्राप आज भी कायम है सरकार और लोगों के हज़ारों प्रयास के बाद भी यहाँ कोई बस नहीं पाया | जिसने भी यहाँ बसने की कोशिश की उसके साथ अनहोनी जरूर हुई और आखिर में किसी की जान गवाने के बाद उसे ये गाँव छोड़ना पड़ा |

    इन घटनाओं के मद्देनज़र सरकार ने इन गाँवों की घेराबंदी करवा दी है और अँधेरा होने के बाद यहाँ किसी का भी प्रवेश वर्जित है | माना जाता है की इन गाँवों पर आत्माओं का साया है | इस गाँव का खौफ यहाँ के बाशिंदों के ऊपर इतना हावी है की लोग कुलधरा के बारे में दबी जुबान में ही बात करते हैं | हालांकि सच क्या है ये कोई नहीं जानता|

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