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देश को महान बनाने में सरकार का नहीं बल्कि वहाँ की प्रजा का योगदान होता है

    द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ने ब्रिटेन का शक्कर भरा हुआ जहाज बमबारी करके डुबो दिया था। ब्रिटीश रेडीयो पर घोषणा हुई कि देश में कुछ दिन शक्कर आपूर्ति की समस्या रहेगी ,तब वहां के देशवासियों ने पता है क्या किया ???? …जिसके पास शक्कर ज्यादा थी वे कुछ सप्ताह का घर के लिए स्टॉक रखकर बाकी की शक्कर दूकान पर वापस कर आये जिससे दूसरे जरूरतमंद देशवासी को समस्या न हो।

    दूकानदारों ने भी कोई कालाबाजारी न कर उसी रेट पर चीनी बेची। यही कारण है कि ऐसे देश को कभी कोई गुलाम नहीं कर पाया ,वहां का बच्चा बच्चा एंथम गाता है ।

    “Rule Britannia rule the waves, Britishers will  never be slaves”

    ऐसी प्रजा वाला देश ताकतवर होगा ही होगा …….. कल नमक की अफवाह मात्र से ही हमारे देशवासियों का चरित्र सामने आ गया । देश को महान बनाने में सरकार का नहीं बल्कि वहाँ की प्रजा का योगदान होता है । विश्वगुरु बनने के लिए उस लायक भी बनना पड़ता है, खाली तोते की तरह वंदे मातरम बोलकर देश विश्वगुरु नहीं बन जायेगा।
    हम आपको उस लायक बनना पड़ेगा, अपनी सोच को बड़ा बनाना पड़ेगा।

    द्वितीय विश्व युद्ध के समय में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल ने सिर्फ एक बार अपील की थी कि आम जनता कृपया अंडे ना खरीदें, देश में अंडों की कमी है और अंडे सिर्फ सैनिकों के लिए ही होंगे। ठीक उसी पल ब्रिटेन की दुकानों पर लोगों की लंबी-लंबी लाईन लग गयीं… लेकिन अंडे खरीदने के लिए लाईन नहीं लगी थी, बल्कि खरीदे हुए अंडे और घर में रखे अंडे वापस करने की लाईन लगी थी।

    यही फर्क है भारत की जनता और दूसरे देशों की जनता में। हम स्वार्थी हो चुके हैं, हम सिर्फ अपना सोचते हैं, देश का नहीं सोचते।

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