हनुमान जी की पूजा से शांत रहते हैं शनिदेव

हनुमान जी को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार अगर किसी भी संकट या परेशानी में हनुमानजी को याद किया जाए तो…

एक ऋषि के वरदान ने की थी द्रौपदी की चीरहरण से रक्षा – शिवपुराण

महाभारत में एक प्रसंग आता है जब कौरव द्रौपदी का चीर हरण करते हैं| हम सभी जानते हैं कि उस समय श्री कृष्ण ने द्रोपदी को भरी सभा में बेइज्जत…

श्री राम के जन्म की कथा

भगवान श्री राम के बारे में हम हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथों जैसे – रामायण और रामचरित मानस में पढ़ सकते हैं| रामचरितमानस की रचना तुलसी दास जी ने की|…

श्री कृष्ण के परम् मित्र सुदामा को निर्धन होने का श्राप कैसे मिला

सुदामा जी श्री कृष्ण के परम् मित्र थे| परन्तु फिर भी वे गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे थे| अध्यात्मिक दृष्टिकोण से तो सुदामा जी जैसा कोई अमीर नहीं था| परन्तु…

संकटमोचन हनुमानाष्टक – हनुमान जी करेंगे मुक्त है कष्ट से

हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। हनुमान जी के भक्त उन्हें संकटमोचन कह कर भी पुकारते हैं। क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते…

मंदोदरी को रावण से विवाह क्यों करना पड़ा था

रावण के बारे में सभी जानते है की उसकी पत्नी का नाम मंदोदरी था परन्तु मंदोदरी की असली पहचान के बारे में कोई नहीं जानता| रामायण में रावण के मरने…

नृसिंह जयंती – व्रत कथा, व्रत विधि, मंत्र

नृसिंह जयंती को हिन्दू धर्म में बहुत धूम – धाम से मनाया जाता है| इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए नृसिंह का अवतार लिया था| इसीलिए…

गोवर्धन पूजा – व्रत कथा, व्रत विधि

गोवर्धन पूजा की परम्परा श्री कृष्ण ने महाभारत काल में शुरू की थी| गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन की जाती है| गोवर्धन पूजा से एक कथा जुड़ी हुई है जो इस…

हनुमान जी का गुणगान करें हनुमान आरती के साथ

हनुमान जी श्री राम के बहुत बड़े भक्त हैं। कहते हैं हनुमान जी की अराधना करने से सब दुख और कष्ट दूर होते हैं और भूत पिशाच भी दूर भागते…

इस प्रकार की जाती है शिवलिंग की पूजा अर्चना

भगवान शिव को अनेक नामों से जाता हैं जैसे शिव शंकर, महादेव, भोले भंडारी तथा भोलेनाथ आदि। कहते हैं कि शिव आदि और अनंत हैं। शिव को सबसे श्रेष्ठ देव माना…

शरद पूर्णिमा व्रत कथा

एक समय की बात है| एक साहूकार की दो पुत्रियां थी| उसकी दोनों पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थी| परन्तु दोनों के व्रत रखने में अंतर था| साहूकार की बड़ी पुत्री विधिपूर्वक पूरा…

शिव महापुराण में बताये गए हैं मृत्यु के यह संकेत

भगवान शिव को महाकाल भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रन्थों में शिव जी को अनादि व अजन्मा बताया गया है। महाकाल उसे कहा जाता है मृत्यु भी जिसके अधीन रहती है।…