हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठकर लिखी थी तुलसीदास ने चौपाइयां

जब गोस्वामी तुलसीदास जी रामायण काल में इलाहाबाद से यमुनोत्री की परायण यात्रा पर निकले| तब उन्होंने रामचरित मानस के कुछ दोहे और चौपाइयां लिखने के लिए बाह के पारना गांव में यमुना नदी के किनारे…

कृष्ण ने सुर्यपुत्र कर्ण के वध में इंद्रपुत्र अर्जुन का साथ क्यूँ दिया था

महाभारत की कथा अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है कुछ रहस्यों के बारे में बहुत कम लोगों को पता है| जैसे की कर्ण सुर्यपुत्र थे फिर भी विष्णु…

रामराज्य के ऐसे फैसले जिन्हे जानकर आप हैरान रह जाएंगे

लंका युद्ध के बाद जब श्री राम अयोध्या लौटे तो उनके राज्याभ‌िषेक के बाद रामराज्य शुरू हुआ| रामराज्य के समय की ऐसी कथाएं प्रचलित हैं जिनके अनुसार राज्य में प्रकृत‌ि अनुकूल चलती थी| प‌िता…

क्यों लपेटा जाता है कान पर जनेऊ और क्यों बाँधी जाती है शिखा

हिन्दू धर्म में अनेक मान्यताओं को माना जाता है| हर मान्यता का अपना ही एक महत्व है| इनमें से एक मान्यता है जनेऊ धारण करना और श‌िखा बांधना| शास्त्रों के…

यह चीजें चढ़ाने से हो जाते है शिव जी नाराज

कहते हैं भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्दी सुन लेते हैं| यदि सोमवार के दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा व अराधना की जाए तो मनुष्य…

हनुमान जी की पूजा से शांत रहते हैं शनिदेव

हनुमान जी को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार अगर किसी भी संकट या परेशानी में हनुमानजी को याद किया जाए तो…

फर्श पर बैठकर न करें कभी पूजा

हिन्दू धर्म में घरों में मंदिर पर विशेष ध्यान दिया जाता है| परन्तु केवल घर में मंदिर बनाना ही पर्याप्त नहीं है| हमें घर के मंदिर में बहुत सारी बातों का…

गरूडपुराण के अनुसार किन लोगों के घर भोजन करना वर्जित है

हमारे रोजमर्रा का भोजन हमारे जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है गरुडपुराण में भी वर्णित है की किसके घर में भोजन करना चाहिए और किसके घर में नहीं| अगली…

आखिर क्यों सुदर्शन चक्र देवी देवताओं के लिए इतना महत्वपूर्ण है? क्या है इसको पाने का तरीका

शास्त्रों में बताया गया है कि चक्र आकार में चाहे छोटा होता है| परन्तु यह देवी – देवताओं का सबसे अचूक अस्त्र माना जाता है| सभी देवी – देवताओं के पास अपने -अपने…

ऐसे हुई भीम की हनुमान जी से मुलाकात

कौरवों के साथ चौसर का खेल खेलते हुए एक मुकाबले में हार जाने से पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास मिला था| वनवास मिलने के बाद…

एक ऋषि के वरदान ने की थी द्रौपदी की चीरहरण से रक्षा – शिवपुराण

महाभारत में एक प्रसंग आता है जब कौरव द्रौपदी का चीर हरण करते हैं| हम सभी जानते हैं कि उस समय श्री कृष्ण ने द्रोपदी को भरी सभा में बेइज्जत…

रामायण तथा महाभारत दोनों में मौजूद थे ये पात्र

यदि हम रामायण और महाभारत दोनों की बात करें तो हमें इनमें कोई समानता नहीं दिखती है| क्योंकि यह दोनों अलग-अलग काल की घटनाएँ हैं| परन्तु क्या आप जानते हैं कि महभारत…