श्री राम चालीसा

भगवान श्री राम को श्री विष्णु का सातवाँ (7) अवतार माना जाता है। श्री राम, रामायण के मुख्य पात्र हैं। भगवान राम की पत्नी का नाम देवी सीता है। श्री…

देवी लक्ष्मी चालीसा : धन और वैभव की प्राप्ति के लिए करें लक्ष्मी चालीसा पाठ

हिन्दू धर्म में लक्ष्मी देवी की बहुत मान्यता है। देवी लक्ष्मी को धन, वैभव और संपन्नता का प्रतीक माना गया है। देवी को पूजने के कई तरीके हैं, जिनमें से…

श्री गणेश चालीसा

श्री गणेश हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूरण देवता माने गए हैं। श्री गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है और उनकी पूजा हर शुभ कार्य के आरम्भ करने से पहले की जाती है,…

शिव चालीसा – Shiv Chalisa

शिवजी की आराधना के लिए सबसे आसान मंत्र है “ऊं नम: शिवाय”। इस मंत्र के साथ शिवजी की पूजा में शिव चालीसा का भी उपयोग किया जाता है। शिव चालीसा…

देवी पार्वती चालीसा – Devi Parvati Chalisa

मान्यता है कि पार्वती जी की उपासना करने से सभी दुखों का अंत हो जाता है तथा मन को भी बहुत शांति मिलती है। पार्वती जी का दिल करुणा से…

चामुण्डा देवी चालीसा

चामुण्डा देवी की साधना में दुर्गा जी या अम्बे मां की आरती या चालीसा का ही प्रयोग किया जाता है। चामुण्डा देवी दुर्गा माँ के सभी स्वरूपों में से प्रमुख है। चामुण्डा…

श्री लक्ष्मी चालीसा

देवी लक्ष्मी को वैभव की देवी माना जाता है। लक्ष्मी जी की नित्य पूजा करने से जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती। घर सुख समृद्धि से परिपूर्ण रहता है। श्री लक्ष्मी…

काली माँ चालीसा

माँ काली की उत्पत्ति राक्षसों के संहार हेतु की गई थी। माँ काली देवी दुर्गा का ही दूसरा रूप हैं। इनका रंग काला होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि या मां काली…

शनि देव चालीसा

॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु…

देवी सरस्वती चालीसा

ज्ञान की देवी सरस्वती को वाग्देवी के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें  श्वेत वर्ण अत्यधिक प्रिय है। क्योंकि यह सादगी का प्रतीक है। सरस्वती जी की पूजा साधना में निम्न चालीसा…

श्री कृष्णा चालीसा

श्री कृष्ण को कौन नहीं जानता। कृष्ण जी को भगवान विष्णु का अवतार भी कहा जाता है। ॥दोहा॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बफल,…

श्री विष्णु चालीसा

विष्णु भगवान को हिन्दू धर्म में त्रिदेवों में से एक बताया गया, ब्रम्हा – विष्णु – महेश। ।।दोहा।। विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै…