केवल एक ही संतान को जन्म दिया था माता सीता ने

रामायण का सही वर्णन महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गयी वाल्मीकि रामायण में ही मिलता है| कई ऋषियों ने रामायण को अपने तरीके से लिखने की कोशिश की और फलस्वरूप इसके कई संस्करण बन गए जिसमे कुछ चीज़े तो वाल्मीकि रामायण से मेल खाती थीं परन्तु कुछ प्रसंगों का रूप बदल गया|

वाल्मीकि रामायण के अनुसार माता सीता ने एक ही पुत्र को जन्म दिया था लेकिन कई ऋषियों के द्वारा लिखी गयी रामायण में सीता जी के द्वारा दो पुत्रो के जन्म का उल्लेख किया गया है| तो आइए जानते हैं लव कुश के जन्म की कहानी:-

रामायण काल में जब श्री राम सीता जी और लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास भोग कर अयोध्या लोटे तब अयोध्या नगरी में हर्ष और उल्लास का माहौल बन गया| कुछ दिनों बाद पता चलने पर कि श्री राम और सीता जी माता-पिता बनने वाले हैं, हर ओर खुशियाँ फैल गयी| परन्तु इन खुशियों पर जल्द ही नज़र लग गयी|

प्रजा में बातें बनने लगी कि माता सीता पति से दूर लंका में इतना समय काट कर आई हैं फिर भी महल में सुखी जीवन व्यतीत कर रही हैं जबकि उस वक़्त अगर कोई स्त्री एक रात भी अपने पति से दूर रहती थी तो उसे वापिस घर नहीं आने दिया जाता था| इन सब के चलते उनके गर्भवती होने पर भी सवाल उठने लगे|

समय चलते यह बात महल में पहुंच गयी और माता सीता ने निर्णय लिया कि वह अयोध्या छोड़ देंगी और सन्यास ले लेंगी| लक्ष्मण उन्हें वन तक छोड़ कर आए और वहां महर्षि वाल्मीकि उन्हें उनके आश्रम ले गए और सलाह दी की सभी बातें भूल कर सामान्य जीवन जीने की कोशिश करें| कहा जाता है कि सीता जी के अयोध्या छोड़ देने के बाद श्रीराम ने राज्य तो बखूबी संभाला, लेकिन वे अंदर से दुखी रहने लगे।

वह समय समीप आ रहा था जब माता सीता अपनी संतान को जन्म देने वाली थी| कुछ दिन बाद माता सीता ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया, जिसका नाम लव रखा गया| सीता जी ने अपना सारा समय शिशु की देखभाल में लगा दिया|

फिर एक दिन सीता जी को आश्रम के बाहर कुछ लकडियां लेने जाना था तो उन्होंने महर्षि वाल्मीकि को लव पर ध्यान देने को कहा| परन्तु सीता माता ने पाया कि महर्षि का ध्यान किसी अन्य कार्य में है तो वह लव को साथ लेकर जंगल की ओर चली गयी|

इतने में महर्षि का ध्यान बच्चे की ओर गया तो वह बच्चे को न पाकर चिंतित हो गए| उन्हें डर था वे सीता जी को क्या उत्तर देंगे| तभी उन्होंने अपने पास पड़े कुशा (घास) को लिया और कुछ मंत्र पढ़े जिससे उन्होंने नया लव बना दिया|

जब उन्होंने माता सीता को आते हुए देखा तो वे आश्चर्यचकित रह गए| उन्होंने माता सीता के साथ बालक लव को भी देखा और महर्षि ने सीता जी से लव को ले जाने के बारे में पूछा| महर्षि ने सारी कहानी सीता जी को बताई तो वह नए लव को देख बहुत खुश हुई|

नए लव का नाम कुशा के कारण कुश पड़ा और वह माता सीता और श्री राम के दूसरे पुत्र के रूप में जाना गया|

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *