भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी देती है हस्तरेखाएँ

प्राचीन काल से अपने भविष्य को जानने की तीन प्रक्रियाएं चलती आ रही है- ज्योतिष शास्त्र, अंक ज्योतिष और हस्त शास्त्र| हाथों की लकीरें पढ़कर एक व्यक्ति को उसके भूतकाल, वर्तमान और भविष्य की जानकारी देने की कला को हस्त अध्यन और हस्त शास्त्र कहते है| बड़े बुजुर्ग कहते है की हमारी किस्मत हमारे हाथों में समायी हुई है जिसमें समय के साथ साथ बदलाव आते रहते है|

हस्तरेखा शास्त्र में मुद्दा यह उठता है कि कौन सा हाथ देखा जाए। दाहिने हाथ से भविष्य और बाएं से अतीत देखा जाता है” | बायां हाथ बताता है कि हम क्या-क्या लेकर पैदा हुए हैं और ईश्वर ने हमें क्या दिया है,  दाहिना हाथ बताता है  कि हमने अपने जीवन को क्या बनाया है। “दाहिना हाथ पुरुषों का पढ़ा जाता है, जबकि महिलाओं का बायां हाथ पढ़ा जाता है।”

रेखा शास्त्र में विभिन रेखाओं को दर्शाया गया है जैसे जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा, विवाह रेखा, हृदय रेखा, सूर्य रेखा, भाग्य रेखा आदि| आईये विस्तार से जानते है हस्त रेखाओं को –

सूर्य रेखा

सूर्य रेखा मध्यभाग में होती है और यह व्यक्ति के रचनात्मक होने की जानकारी देती है और साथ ही में आत्मविश्वास तथा योग्यता के बारे में बताती है|

जीवन रेखा 

जीवन रेखा अंगूठे के नीचे वाले भाग में होती है, यह पहली ऊँगली (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे के मध्य से शुरू होकर मणिबंध तक जाती है|यह रेखा आपके जीवन के साथ साथ जिंदगी में होने वाली घटनाओं के रहस्य खोलती है| रेखा की लम्बाई अच्छी सेहत और उसका छोटा होना शारीरक परेशानियों को दर्शाता है|

मस्तिष्क रेखा 

यह रेखा जीवन रेखा के पास से शुरू होकर हथेली के दूसरी ओर जाती है| यह रेखा आपके ज्ञान और विज्ञान की जानकारी देती है, अगर यह रेखा लम्बी है तो इसका मतलब है कि आप जीवन के निर्णय बहुत सोच समझ कर और समझदारी से लेते है परन्तु अगर इसकी लम्बाई छोटी है तो इसका अर्थ है कि आप किसी भी निर्णय या फैसले को आसानी से मान लेते हो|

विवाह रेखा

यह रेखा सबसे छोटी ऊँगली के निचले हिस्से में जिसे बुध पर्वत कहते हैं वहां आड़ी होती हैं। यह कई जातकों के हाथों में एक तो कई के हाथों में एक से अधिक भी होती है। एक से अधिक विवाह रेखाओं के संदर्भ में वह रेखा मान्य होती है जो सबसे अधिक गहरी और स्पष्ट हो बाकि रेखा संबंधों के बिछड़ने या टूटने के संकेत देती है।

अगर विवाह रेखा ऊपर की तरफ आती हुई हृदय रेखा से मिले या फिर विवाह रेखा पर तिल हो या क्रॉस का निशान हो तो शादी में बहुत कठिनाइयां होती हैं।

हृदय रेखा 

यह रेखा सबसे छोटी ऊँगली के नीचे वाले बहग से शुरू होकर पहली ऊँगली यानि की इंडेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग की ओर जाती है| जिन जातकों की हृदय रेखा गहरी होगी उनको प्रेम सम्बन्धों में कामयाबी प्राप्त होगी| और जिनकी रेखा फीकी होगी उन्हें प्यार के मामले में भरोसा नहीं करना चाहिए|
भाग्य रेखा 

इस रेखा का उदगम कलाई से, चंद्र पर्वत से, जीवन रेखा से, मस्तिष्क रेखा या  ह्रदय रेखा से होता है, यह हथेली के केंद्र में स्थित होती है| इस रेखा द्वारा शिक्षा और कैरियर, हमारी सफलता और विफलता से संबंधित निर्णय और उन निर्णय से होने वाले फल एवं इनमे आने वाली बाधाओं का पता चलता है ।

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *