द्रोपदी ने क्यों कहा कि भीम ही है मेरा सच्चा पति

द्रोपदी द्रुपद नरेश की पुत्री थी| अपनी पुत्री के विवाह के लिए द्रुपद ने स्वयंवर का आयोजन किया| उस समय पांडव वनवास व्यतीत कर रहे थे| स्वयंवर में धनुषकला की…

आप एक अच्छे इंसान हैं, लेकिन क्या आप एक पुण्य आत्मा हैं?

एक औरत अपने बच्चे को एक संत व्यक्ति के पास लेकर गई। उसने संत से कहा, “मेरे डॉक्टर ने कहा है कि मेरे बेटे को मधुमेह है। इसलिये उसे मीठा…

क्यों मृत्यु नहीं है जीवन का अंत

मृत्यु का अर्थ है भौतिक शरीर से आत्मा का जुदा होना है। मृत्यु नये और बेहतर जीवन का एक प्रारंभिक बिन्दु बन जाता है। यह जीवन के उच्च रूप का…

राम कथा के इन घटनाक्रम से प्रेरणा लेकर इन्‍हें जीवन में आत्‍मसात करें

रावण वध कर, अयोध्या लौटने पर हम भगवान ​श्री राम के स्वागत में हर साल दीवाली का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाते है। जबकि इसी उलट आज हम मुकाम हासिल…

इन पांचों के सिर काटे थे भगवान शिव ने

भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है| इन्हें भोलेनाथ कहने के पीछे का कारण यह है कि भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्दी सुन लेते हैं और…

श्रवण कुमार अपने माता पिता की सेवा के लिए क्यों जाने जाते हैं?

श्रवण कुमार अपने माता – पिता की सेवा के लिए जाने जाते हैं| वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकाण्ड के 64वें अध्याय में श्रवण कुमार की कथा मिलती है| श्रवण कुमार के माता –…

किस एक पाप के कारण युधिष्ठिर को नर्क देखना पड़ा

द्रोणाचार्य एक बहुत वीर योद्धा थे| महाभारत के युद्ध के समय उन्होंने बहुत वीरता दिखाई और युद्ध भूमि में उनके रणकौशल को देखकर पांडव-सेना के बड़े-बड़े महारथी भी चिंतित हो उठे थे|…

क्यों कहते है कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली – क्यो मनाई जाती है देव दीपावली

कार्तिक पूर्णिमा सभी पूर्णिमाओं में श्रेष्ठ  मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने देवलोक पर हाहाकार मचाने वाले त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का संहार किया था।…

कैसे आया स्वर्ग का पेड़ धरती पर?

शास्त्रों में परिजात वृक्ष को स्वर्ग का पेड़ कहा गया है| परिजात वृक्ष को हमारे शास्त्रों में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त है| परिजात वृक्ष के फूलों को लक्ष्मी तथा भगवान शिव की पूजा में…

महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण क्यों खाते थे हर दिन मूंगफली

श्री कृष्ण के कारण ही महाभारत का युद्ध पांडवों के हित में रहा| युद्ध के समय श्री कृष्ण ने अनेक लीलाएं रची और पांडवों को युद्ध में विजय दिलवाई| इन लीलाओं…

देवी सीता के जन्म की अनमोल कथा

रामायण में देवी सीता को जानकी भी कहा गया है| देवी सीता के पिता का नाम जनक था| सीता जी उनकी गोद ली हुई पुत्री थी| आईए जानते हैं कि…

साड़ी के टुकड़े – संत कबीर दास की कथा

एक समय की बात है एक नगर में अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार जुलाहा रहता था| उस जुलाहे ने अपने जीवन में कभी क्रोध नहीं किया था| उस नगर के कुछ…